जुगनू शिखर क्षत्रिया
फाउण्डर, ग्रेस इरा
भविष्य-दर्शन
प्रभु यीशु मसीह का सुसमाचार सभी मनुष्यों तक पहुंचे, यही हमारी सेवा है।

प्रभु यीशु मसीह में आप सभी को प्रेम नमस्कार। मैं जुगनू शिखर क्षत्रिया (फाउण्डर, ग्रेस इरा), एक मध्यम वर्गीय मसीही परिवार से, जो बचपन से ही मसीही परवरिश तथा शिक्षा-दिक्षा में पला-बढा। बचपन से ही मसीह की ओर मेरा झुकाव होने के कारण, मन में अकसर एक विचार उभरते रहता था कि मसीह के लिए, मुझे कुछ अवश्य ही करना है। जीवन में बढते हुए, एक भविष्य-दर्शन मैंने रखा कि सफल होकर कलिसिया की आर्थिक जरूरतों की पूर्ति हेतु योगदान कर सकुं। इसी भविष्य-दर्शन के साथ, मै अभियंता की पढाई पूरी कर अभियंता जरूर बना, पर मेरा भविष्य-दर्शन अब बदल चुका था।
अब मैं कलिसिया की आर्थिक जरूरतों की पूर्ति हेतु नहीें वरन परमेश्वर के उस अनोखे यीशु मसीह के नाम का सुसमाचार, प्रचार प्रसार पूरे भारत में करने में मेरा कुछ योगदान करना, कलिसिया की आर्थिक मदद से महत्वपूर्ण बात जान पडी। यह एकाएक नहीं हुआ, काफी समय लगा। काॅलेज में आते ही मेरे जीवन को परमेश्वर ने अपनी योजनानुसार ढालना शुरू कर दिया था। 2009 में मेरा बपतिस्मा हुआ और 2010 में एक मीटिंग में मुझे पवित्रात्मा का अभिषेक मिला। इसके बाद सब कुछ बदल गया, मेरा झुकाव वचन मनन, पठन और समझ प्राप्ति की ओर और गहरा हो गया। इसके बाद मुझे कभी वचन के मामलों में रूकना नहीं पडा। शुरूआती दिनों में एक ग्रुप से जुडकर काॅटेज मीटिंग लेने का अवसर मिला, फिर कुछ समय बाद कुछ पासबानों के साथ मिलकर अलग अलग स्थानों में प्रचार करने व मसीही शिक्षा बांटने का अवसर प्राप्त हुआ। कुछ जगहों पर छोटे छोटे प्रेयर ग्रुप व संगति इकाई बनाने व संचालन करने का अवसर प्राप्त हुआ।
एक निर्णायक मोड 2017 में आया जब मुझे एक कैम्प (जो कि रेकेेश्वर चक्रवर्ती ( फाउण्डर, ग्रेस इरा) के द्वारा आयोजित किया गया था।) में भाग लेने का अवसर मिला। इस कैम्प में मैं केवल भाग लेने ही गया था पर परमेश्वर की योजनानुसार मुझे वहां संचालन व प्रचार करने व कोर कमीटी के साथ-साथ निर्णायक समिति में स्थान प्राप्त हुआ व निर्णय लेने का भी अधिकार प्राप्त हुआ। इसी कैम्प के बाद रेकेश्वर चक्रवर्ती जी के साथ मिलकर इसी प्रचार प्रसार के काम को मिलकर आगे बढाने और अपने 10 सालों के छोटे-छोटे प्रयासों को एक सही प्रारूप में ढालने अवसर प्राप्त हुआ। मै यह भी बताना चाहूंगा कि मेरी पत्नी (भाग्यश्री) की सहायता के (जो हर परिस्थितियों में एक स्तम्भ बनकर, मसीह की सेवकाई में मेरी बराबर की सहयोगी है) बिना कुछ भी सम्भव न होता। 1 सितम्बर 2018 को ग्रेस इरा की संरचना हुई और 30 सितम्बर 2018 को हर सम्भव माध्यम से पूरे भारत में मसीह के सुसमाचार का प्रचार हो सके, लोग उद्धार के अनुभव को प्राप्त करें इस भविष्य-दर्शन के साथ ग्रेस इरा के काम की शुरूआत हुई और इसी भविष्य-दर्शन के साथ यह आज तक कार्य कर रहा है और जब तक प्रभु ने चाहा तब तक आगे भी आप लोगों के प्रार्थनाओं व सहयोग से ऐसे ही काम करता रहेगा।
धन्यवाद